SYL Sidhu Moosewala New Song : दिवंगत पंजाबी सिंगर Sidhu Moosewala का SYL Song हुआ रिलीज़ , मात्र 50 मिनटों में 15 लाख Views पार।
चंडीगढ़ : दिवगंत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का SYL सांग आज उनके यूट्यूब चैनल SYL Sidhu Moosewala New Song पर रिलीज़ हो गया है। SYL गाना सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद का पहला गाना है , इसलिए उनके चाहने वाले उन्हें इस गाने को ज्यादा से ज्यादा सुन कर श्रधांजलि दे रहे हैं। इस गाने ने रिलीज होते ही एक नया ही कृतिमान स्थापित कर दिया , गाने के रिलीज होने की देरी थी कि मूसेवाला के फैन इस गाने पर टूट पड़े , मात्र 50 मिनटों में ये गाना 15 लाख व्यू से ऊपर निकल गया।
क्या है SYL – SYL Sidhu Moosewala New Song
आपको बता दें कि पंजाब हरियाणा के बीच सतलुज यमुन्ना के पानी सबंधी विवाद चल रहा है , इधर पंजाब का कहना है कि रवि और ब्यास नदियों के पानी का बहाव कम हो गया है, ऐसे में पंजाब के लिए उसे ज्यादा पानी की जरूरत है. वहीं, हरियाणा की मांग है कि सतलुज-यमुना नहर को पूरा किया जाए, ताकि उसे 3.5 मिलियन एकड़ फीट के क्षेत्रफल का पानी मिल सके. हरियाणा का यह भी कहना है
कि पंजाब को नहर के निर्माण से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के 2002 और 2003 के आदेश का पालन करने को कहा जाए, ताकि पंजाब भी रवि-ब्यास नदी के पानी की तय हिस्सेदारी दे. हरियाणा को अभी रवि-ब्यास नदी से 1.62 मिलियन एकड़ फीट जलक्षेत्र का पानी मिलता है।
सिद्धू मूसेवाला ने अपने नए सांग के माध्यम से अपने दिल की बात कही है , लेकिन इस गाने से उनके हरियाणा के प्रशंसक नाराज हो सकते हैं , क्यूंकि सिद्धू मूसेवाला ने कहा कि आप हमे हरियाणा , हिमाचल व चंडीगढ़ दे दो , नहीं तो हम पानी की बात छोड़ो आपको एक बूंद पानी नहीं देंगे। इससे उनके हरियाणा के फेन्स को झटका लग सकता है। वहीं इस गाने के राजनितिक तौर पर भी विवादित होने की आशंका है।
क्यूंकि गाने के रिलीज होने से पहले ही पूर्व गायक हंस राज हंस कह चुके थे कि हम सिद्धू मूसेवाला की बहुत इज्जत करते हैं , वहीं साथ ही उनके माता – पिता से ये प्राथना करते हैं कि वो इस गाने को रिलीज न करें , क्यूंकि ये एक राजनीतक मुद्दा है इसे सिद्धू मूसेवाला के सम्मान को भी ठेस पहुंच सकती है। इस गाने में सिद्धू मूसेवाला ने बंदी सिखों की रिहाई व बलविंदर सिंह जट्टाना का भी जिक्र किया है।
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कौन है बलविंदर सिंह जटाना ? Who is Balwinder Jattana
बात 23 जुलाई 1990 की है , जब चंडीगढ़ में सतलुज, यमुना लिंक नहर बनांने की बात चल रही थी। इसके जरिए पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली तक जाना था। जिस वक्त मीटिंग हो रही थी, रोपड़ के रहने वाले बलविंदर जटाणा अपने साथ बलबीर सिंह फौजी, जगतार सिंह पिंजोला और हरमीत सिंह भाओवाल के साथ वहां पहुंच गए। यह कहा जाता है कि जटाणा ने वहां पहुंचकर अपने साथियों के साथ SYL के चीफ इंजीनियर और सुपरिटेंडिंग इंजीनियर एमएस सिकरी और अवतार औलख की हत्या कर दी।
इसके बाद इस कत्लकांड में कारवाई करते हुए पुलिस ने 30 नवंबर 1991 को उसके घर पहुंच कर जटाना के परिवार जिसमे पुलिस ने एक पूहला निहंग की मदद से जटाणा की दादी द्वारकी कौर, चाची जमशेर कौर, बहन मनप्रीत कौर और भांजे सिमरनजीत सिंह को जिंदा जला दिया गया। जटाना उस समय पुलिस के हाथ नहीं लगा था। ये दावा जटाणा की साथी रहीं निरप्रीत कौर ने दावा किया। निरप्रीत कौर ने इस बात की भी पुष्टि की कि इंजीनियरों की हत्या जटाणा ने ही की थी।
वहीं पुलिस ने कारवाई करते हुए जटाना की सुचना देने वाले को 16 लाख रूपये इनाम देने की घोषणा की। इसके बाद 4 सितंबर 1991 को जटाणा अपने साथी चरणजीत सिंह चन्ना के साथ साधुगढ़ गांव की तरफ जा रहे थे। दोपहर के वक्त उन्होंने आगे पुलिस का नाका देखा। जिसके बाद वह बगल में स्थित खेतों से भागने लगे। वहां पुलिस ने उन्हें गोली मारकर एनकाउंटर कर दिया।
बलविंदर सिंह जटाणा बब्बर खालसा से जुड़े हुए थे। जटाणा बब्बर खालसा के मुखी सुखदेव सिंह बब्बर के करीबियों में गिने जाते थे। इसी वजह से जटाणा को पंजाब के मालवा इलाके का लेफ्टिनेंट जनरल बना रखा था। उस वक्त मालवा इलाके में बब्बर खालसा की गतिविधियां जटाणा के इशारे पर ही चलती थी।
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