पंजाब पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू समक्ष एसजीपीसी कमेटी ने उठाया बंदी सिखों की रिहाई का मुद्दा -President droupadi murmu punjab visit news 01
हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी एक्ट रद्द हो ,और सजा काट चुके 9 बंदियों को रिहा करें : एसजीपीसी कमेटी
अमृतसर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुनगरी के दर्शन -दीदार को वीरवार अमृतसर पहुंची तो उनके सामने बंदी सिखों की रिहाई और हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी का मुद्दा उठाया। दरबार साहिब पहुंचने पर एसजीपीसी कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अगुवाई में टीम ने महामहिम को दो मांगपत्र सौंपे ,उन्होंने 9 सिखों की रिहाई का मुद्दा उठाया और आरोप लगाकर कहा कि कमेटी की ओर से इस मुद्दे पर देश के प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री ,दिल्ली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को बार -बार लिखा जा चूका है लेकिन उनकी तरफ से कोई पहल नहीं की गई ।President droupadi murmu punjab visit news
हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी एक्ट रद्द हो : एसजीपीसी कमेटी-President droupadi murmu punjab visit news
दूसरे मांगपत्र में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक्ट -2014 को रद्द करने का मुद्दा उठाया है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार गैर संवैधानिक तरीके से एक्ट बनाया है। इसे बनाते वक्त सिख गुरुद्वारा एक्ट -1925 का उलंघन किया गया है ।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं दरबार साहिब आ कर बहुत खुश हूं। यह एक पवित्र स्थान है और सुंदर भवन निर्माण कलां व् रूहानी शांति वाला यह पवित्र स्थान शांति और सद्भावना को उजाकर करता है। मैंने यहां देश की शांति ,तरक्की ,खुशहाली की प्रार्थना की। लंगर के दौरान सेवा श्रद्धा भावना से सेवा करने वालों को देखकर ख़ुशी हुई। गुरुओं की शिक्षाएं हमें भाईचारे और एकता का अभ्यास करने को प्रेरित करती रहें।President droupadi murmu punjab visit news
जलियांवाले बाग के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं भारत के उन वीर सेनानियों को नमन करती हूं ,जिन्होंने 1919 के दर्भाग्यपूर्ण नरसंहार में जान गंवई। मातृभूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले उन वीर बलिदानियों को कृतघराष्ट्र सदैव याद रखेगा। स्मारक आने वाली पीढ़ियों को आजादी के महत्व के ,उसके लिए किए बलिदानों की याद दिलाएगा। उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।President droupadi murmu punjab visit news
उन्होंने श्री गुरु रामदास जी लंगर हॉल में पंगत में बैठ कर लंगर छका। 2 .30 घंटे तक समय बिताया। और वो आखिर में भगवान वाल्मीकि आश्रम पहुंची और वहां नतमस्तक भी हुई।
Post Comment
You must be logged in to post a comment.