Police remand kya hota hai full detail hindi पुलिस रिमांड क्या होता है
पुलिस रिमांड क्या होता है , पुलिस रिमांड के दौरान आपके अधिकार क्या है जानिए पूरी जानकारी।
अक्सर ही हमने पुलिस रिमांड , पुलिस कस्टडी और पुलिस हिरासत जैसे शब्द जरूर सुने होंगे। police remand kya hota hai full detail hindi पुलिस रिमांड क्या होता है और इस दौरान गिरफ्तार व्यकित व पुलिस के क्या क्या अधिकार हैं हम यहां बताने जा रहे हैं।
जब पुलिस किसी व्यकित को किसी मामले में गिरफ्तार करती है तो उसे 24 घंटो में नजदीक अदालत में पेश करना होता है ये सीपीसी 57 में बताया गया है यहां से पुलिस गिरफ्तार व्यकित का पुलिस रिमांड लेती है पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस गिरफ्तार व्यकित से जुर्म संबधी जाँच पड़ताल (Criminal Investigation)करती है याद रहे पुलिस रिमांड तभी मिलता है जब पुलिस की पूछताछ बाकि रहती हो यानि अगर पुलिस ने गिरफ्तार व्यकित से 24 घंटे में ही सारी पूछताछ पूरी कर ली है तो ऐसी स्तिथि में कोर्ट पुलिस रिमांड नहीं देती है। कोर्ट पुलिस रिमांड 167 सीपीसी के तहत देती है।
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कब लिया जाता है पुलिस रिमांड ? police remand kya hota hai full detail hindi
पुलिस रिमांड तभी दिया जाता है जब उस मामले (That Case)में कोई पूछताछ बाकि(Inquiry Pending) रहती हो जैसे कि किसी व्यकित ने किसी अन्य व्यकितों के साथ मिलकर किसी को मार डाला और उस एक व्यकित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ऐसी स्तिथि(Such a Situation) में पुलिस उस मर्डर में अन्य व्यकितों की गिरफ्तारी व जिस किसी भी हथियार से मारा उसे कब्ज़े में लेने के लिए व्यकित का पुलिस रिमांड मांगती है जिसे कोर्ट परवान करती है पुलिस रिमांड अधिकतम 15 दिनों(Maximum 15 Days) का एक साथ दिया जा सकता है। अगर इससे ज्यादा की जरूरत पड़ती है तो भी टुकड़ों में पुलिस रिमांड बढ़ाया जा सकता है। ये अधिकतम 90 दिनों का हो सकता है।
पुलिस रिमांड (Police Remand)के दौरान पुलिस गिरफ्तार व्यकित से मारपीट करती है और थर्ड डिग्री टॉर्चर(Third Degree Torture) भी किया जाता है कई कई मामलों में तो गिरफ्तार व्यकित की मौत(Death) होने की भी खबरे मिलती रहती हैं।
लेकिन क्या पुलिस को रिमांड के दौरान मारपीट करने का अधिकार है ? जी नहीं, कानूनन पुलिस ऐसा बिलकुल भी नहीं कर सकती , चाहे जुर्म(Crime) कितना भी संगीन क्यों न हो पुलिस को मारपीट का बिलकुल भी अधिकार नहीं है। पुलिस ऐसा इस लिए करती है क्यूंकि गिरफ्तार व्यकित(Arrested Person) आसानी से जुर्म कबूल नहीं करता है इस लिए पुलिस सख्ती(Police Strictly) करती है लेकिन कानूनन (According to law)पुलिस ऐसा नहीं कर सकती , अगर गिरफ्तार व्यकित पुलिस मारपीट के बारे में कोर्ट में बताता है तो दोषी पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ करवाई हो सकती है लेकिन बहुत लोग ये जानते भी नहीं होते कि उनके क़ानूनी अधिकार क्या हैं ऐसे में वो पुलिस की मारपीट का शिकार होते रहते हैं।
अगर पुलिस किसी को भी गिरफ्तार(Arrest) करती है तो उसे सबसे पहले अपना मेडिकल करवा लेना चाहिए ताकि बाद में अगर पुलिस द्वारा मारपीट की जाती है तो उस मेडिकल रिपोर्ट(Medical Reports) के जरिये कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। मेडिकल टेस्ट(Medical Test ) रिमांड से पहले भी करवाना जरूरी होता है पुलिस भी करवाती है मगर कई बार अगर नहीं करवाती तो गिरफ्तार व्यकित को खुद पुलिस या अपने वकील(Advocate) को बोलना चाहिए। मेडिकल रिपोर्ट पुलिस रिमांड(Police Remand) से पहले बहुत जरूरी होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको पुलिस रिमांड के बारे में कुछ जानकारी मिली होगी , आपको बता दें कि यहां पुलिस रिमांड के बारे में मुख्य जानकारियां दी गयी है अधिक जानकारी के लिए अपने अधिवक्ता से सम्पर्क कर सकते हैं।
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