Modi Government Ban Single Use Plastic On 1 July- भारत में बंद हो जाएगी फ्रूटी और एप्पी , कंपनियां कर रही हैं Modi Government के फैसले का विरोध
नई दिल्ली : भारत सरकार एक जुलाई से सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन करने जा रही है। Modi Government Ban Single Use Plastic On 1 July सरकार ने यह फैसला देश में बढ़ रहे प्लास्टिक कचरे के कारण लिया है। साथ ही ये सिंगल यूज़ प्लास्टिक वातावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। इस बैन के तहत फ्रूटी और एप्पी जैसे प्रोडक्ट में प्लास्टिक स्ट्रॉ का यूज नहीं हो सकेगा। इससे पेय पदार्थ कंपनियों पर संकट मंडरा रहा है। यही वजह है कि भारत में कोका कोला, पेप्सिको, पारले, अमूल और डाबर जैसी वेबरेज कंपनियां सरकार पर अपना फैसला बदलने के लिए दबाव डाल रही हैं।
सिंगल यूज़ प्लास्टिक क्या होता है
सिंगल यूज़ प्लास्टिक वह प्लास्टिक होता है जो एक बार यूज़ हो जाता है उसके बाद उसे काम में नहीं लिया जाता ,यानि प्रयोग के बाद फेंक दिया जाता है। ऐसा प्लास्टिक आसानी से नष्ट भी नहीं किया जा सकता। साथ ही इन्हें रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक की अहम भूमिका होती है।
एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक वाली इन वस्तुओं पर बैन होगा। इनमें 100 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक बैनर शामिल हैं। गुब्बारा, फ्लैग, कैंडी, ईयर बड्स के स्टिक और मिठाई बॉक्स में यूज होने वाली क्लिंग रैप्स भी शामिल हैं। यही नहीं केंद्र सरकार ने कहा है कि 120 माइक्रॉन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग को भी 31 दिसंबर 2022 से बंद कर दिया जाएगा।
देश में प्रदूषण फैलाने में प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ा कारक है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा प्लास्टिक कचरा जेनरेट हुआ था। प्लास्टिक न तो डीकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है, क्योंकि इससे जहरीले धुएं और हानिकारक गैसें निकलती हैं। ऐसे में रिसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है।
प्लास्टिक अलग-अलग रास्तों से होकर नदी और समुद्र में पहुंच जाता है। यही नहीं प्लास्टिक सूक्ष्म कणों में टूटकर पानी में मिल जाता है, जिसे हम माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ऐसे में नदी और समुद्र का पानी भी प्रदूषित हो जाता है। यही वजह है कि प्लास्टिक वस्तुओं पर बैन लगने से भारत अपने प्लास्टिक वेस्ट जेनरेशन के आंकड़ों में कमी ला सकेगा।
दुनिया भर की कई सरकारें सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ कड़े फैसले ले रही हैं। ताइवान ने 2019 से प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, बर्तन और कप पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दक्षिण कोरिया ने बड़े सुपर मार्केट में प्लास्टिक बैग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही वहां इस प्रतिबंध के उल्लंघन करने वालों पर करीब 2 लाख जुर्माना लगाया जाता है।
अमूल व पारले जैसी कंपनियां कर रही हैं विरोध Modi Government Ban Single Use Plastic On 1 July
1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाए जाने का विरोध अमूल और पारले जैसी बड़ी कंपनियां कर रही हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि अमूल कंपनी की फ्रूटी और एप्पी समेत 10 प्रोडक्ट के लिए हर रोज 15 से 20 लाख प्लास्टिक स्ट्रा की जरूरत होती है। इसी तरह पारले एग्रो और डाबर जैसी कंपनियों को भी हर रोज लाखों स्ट्रा की जरूरत होती है। ऐसे में ये कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाए जाने का इन 3 वजहों से विरोध कर रही हैं…
1. पेपर स्ट्रा का आसानी से उप्लब्ध नहीं हो पाना।
2. प्लास्टिक स्ट्रा की तुलना में पेपर स्ट्रा की कीमत 5 से 7 गुना ज्यादा होना।
3. पेपर स्ट्रा बनाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए कुछ समय दिए जाने की मांग करना।
पारले, डाबर और अमूल जैसी बड़ी बेवरेज कंपनियों के संगठन एक्शन एलायंस फॉर रीसाइक्लिंग बेवरेज कार्टन्स यानी AARC के चीफ एग्जीक्यूटिव प्रवीण अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे इस बात की चिंता है कि यह बैन डिमांड के पीक सीजन में आ रहा है। इससे ग्राहकों को भी दिक्कतें होंगी। प्लास्टिक स्ट्रा 5 से 7 गुना ज्यादा कीमत देकर खरीदने के लिए कंपनियां तैयार हैं, लेकिन मार्केट में यह उपलब्ध नहीं है।’
Post Comment
You must be logged in to post a comment.