जिंदा सांप व बिच्छू तक खा जाते हैं गोरखा कमांडों | Indian Army Gorkha Regiment | Gorkha Commando Full Detail in Hindi

Indian Army Gorkha Regmeint Food
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आज हम इंडियन आर्मी की उस रेजीमेंट के बारे में बात करेंगे जो भारत में ही नहीं बल्कि दुनियां में अपनी बहादुरी करके मशहूर है , अगर कहें कि ये दुनियां की सबसे खतरनाक आर्मी है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। जी हाँ, आज हम इंडियन आर्मी की गोरखा रेजिमेंट के बारे आपको बताएंगे।

गोरखा कमांडो के बारे में:-About Gurkha Commando
Gorkha Regiment
Indian Army Gorkha Regiment

गोरखा रेजिमेंट के कमांडो बहुत ही बलशाली व मानसिक तोर पर काफी फिट होते हैं इन्हे ट्रेनिंग के दौरान कड़ी से कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ता है गोरखा कमांडो की ट्रेनिंग लगभग 42 हफ्ते की होती है। इस ट्रेनिंग के बाद ही कोई सैनिक असल में गोरखा बनता है। ट्रैनिंक के बाद इन्हे इनका मशहूर हथियार खुखरी दिया जाता है जिसे सामान्य भाषा में हम कटार बोल सकते हैं। गोरखा रेजिमेंट के बारे में भारत के फिल्ड मारसल सेम मानिक्स ने कहा था कि ” अगर कोई कहे कि उसे मौत से डर नहीं लगता , इसका मतलब है या तो वो झूठ बोल रहा है , या वो पक्का गोरखा है “। आपको बता दें कि गोरखा रेजिमेंट इंडियन आर्मी से 1815 में जुडी थी तब से अब तक इंडियन आर्मी के साथ गोरखा रेजिमेंट कई लड़ाईयां लड़ चुकी है।

Gorkha Regiment
Gorkha Regiment
क्या है गोरखा रेजिमेंट :- What is Gorkha Regiment?

दरअसल नेपाल में गोरखा नाम से एक जिला है जो कि हिमालय की तराई पहाड़ियों में बसा एक छोटा सा गांव है। यहां के मूल निवासियों को गोरखा कहा जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की गोरखा रेजिमेंट किसी एक जाति की रेजिमेंट है बल्कि इसमें सुनवार , गुरुंग , मागर , राय व लिम्बु जातियों से सैनिक शामिल होते हैं। कहा जाता है कि इनका नाम हिन्दू धर्म के महायोगी श्री गुरु गोरख नाथ ने रखा था। यहां जन्म से ही बच्चे को गोरखा बनाने की ट्रेनिंग शुरू हो जाती है बच्चे को सिखाया जाता है कि डर कर जीने से अच्छा है मर जाओ।

Gorkha Commando
Gorkha Regiment
गोरखा कमांडो की ट्रेनिंग:- Gurkha Commando Training

गोरखा कमांडो की ट्रेनिंग उनके लिए सबसे मुश्किल दौर होता है जो नया सैनिक इस रेजीमेंट में भर्ती होता है। गोरखा कमांडो की ट्रेनिंग थाईलैंड के जंगलों में की जाती है इन जंगलों में दुनियां के सबसे खतरनाक व जहरीले जीव पाए जाते हैं ये जहरीले जीव भी गोरखा कमांडो के लिए चुनौती बने रहते हैं। यहां गोरखा रेजिमेंट के जवानों को वृक्षों पर चढ़ने की व कीचड़ में चलने की साथ ही कई घंटो तक कीचड़ में ही पड़े रहने की भी ट्रेनिंग दी जाती है|

Gorkha Regiment
Gorkha Regiment

गोरखा कमांडो कई कई घंटो तक जमीन में ऐसे छुपे रहते हैं उनका पता ही नहीं चलता कि वो जमीं हैं या कमांडो वो जमीं के हिसाब से अपने आप का पहनावा कर लेते हैं। गोरखा कमांडो वृक्षों पर भी कई कई घंटे दुश्मन की तलाश में तैनात रहते हैं। गोरखा कमांडो की खुकरी के बारे में एक बात मशहूर है कि अगर ये मियान से बाहर निकलती है तो खून करके ही वापस लोटती है यानि ये दुश्मन के खून की प्यासी होती है। अगर किसी तरह से खुकरी को खून नहीं लगता तो उस सैनिक हो अपना खून उसको लगाना ही पड़ता है गोरखा के लिए यही नियम है।

गोरखा कमांडो का भोजन:-Food of Gurkha Commando

गोरखा कमांडो का भोजन भी कोई 36 प्रकार का भोजन नहीं होता है। क्यूंकि ये जंगलो में रहते हैं तो जाहिर सी बात है कि इनका खाना पीना भी जंगली ही होगा। आपको बता दें कि ट्रेनिंग के दौरान गोरखा कमांडो को खाने में जंगल के खाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है जिसका आम इंसान तो सोच भी नहीं सकता है क्यूंकि उनका खाना होता ही ऐसा है। उन्हें सांप का जहर या खून पीने को दिया जाता है सांप बिछु खाना गोरखा कमांडो के लिए आम बात है ये उसको कच्चा ही चबा जाते है क्यूंकि रात के समय इनको बिलकुल भी रोशनी या आग जलाने की इजाजत नहीं होती , क्यूंकि ऐसा करने पर दुश्मन अलर्ट हो जाता है।

Gorkha Commando
Gorkha Commando Food

7 से 8 लीटर पानी गोरखा कमांडो अपने पास हर समय रखते हैं। इनके पास कम से कम 25 किलो वजन तो होता ही है। ट्रेनिंग के समय इन्हे 25 से 30 किलो वजन लेकर 30 से 40 किलोमीटर चलना पड़ता है। अगर कुछ विकट स्तिथियों में पानी नहीं मिले तो ये सांप के खून से या किसी अन्य जीव के खून से ही प्यास भुझा लेते हैं कई बार जंगलों में पतियों पर जमीं ओस की बूंदो से भी प्यास भुजाते हैं ये भी इन्हे ट्रेनिंग के दौरान सिखाया जाता है।

हर तरह के हथियार चलाने में माहिर होते है गोरखा कमांडो:-Gurkha commandos are expert in operating all types of weapons

गोरखा कमांडो दुनियांभर के हथियार चलाने में माहिर होते हैं। यानि ऐसा कोई भी हथ्यार नहीं होता जो गोरखा रेजिमेंट के कमांडो नहीं चला सकते , इनका सबसे बड़ा हथियार खुखरी होता है जो इनके ट्रेनिंग के दौरान दिया जाता है ये इससे ही खतरनाक से खतरनाक दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम होते हैं। ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को मेंटली व शरीरक तोर पर काफी फिट किया जाता है। गोरखा कमांडो हर तरह के मौसम में काम करने के लिए सक्ष्म होते हैं इनके लिए कभी मौसम ख़राब नहीं होता , कितना भी आंधी तूफान या बारिश का मौसम हो गोरखा  अपनी जगह पर ही तैनात रहते हैं। इनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अलग अलग जगहों पर भारतीय सेना में भेज दिया जाता है।

Gorkha Commando
Gorkha Regiment

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