Difference between parole and furlough | क्या होती है पैरोल | पैरोल और फरलो में क्या अंतर है
Difference between parole and furlough | क्या होती है पैरोल | पैरोल और फरलो में क्या अंतर है
difference between parole and furlough भारीतय कानून की जानकारी में हम आज आपको पैरोल व फरलो में अंतर बताएंगे। क्यूंकि पैरोल व फरलो को एक ही समझा जाता है जबकि इनमे अंतर होता है। डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को 21 दिन की फरलो दी गयी है इस लिए ये शब्द आजकल चर्चा में हैं। तो आइए जानते हैं :-
क्या होती है फरलो :- What is Furlough
फरलो और पैरोल में एक ही समझी जाने वाली दो अलग-अलग बातें हैं. जैस- फरलो उन सजायाफ्ता कैदियों को दी जाती है जो लम्बे समय से सजा काट रहे हैं. फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है. यह बिना किसी वजह के भी दी जा सकती है. फरलो देने का मकसद होता है कि कैदी परिवार और समाज के लोगों से मिल सके. जेल में लंबा समय बिताने के दौरान शरीर में हुई किसी तरह की बीमारी का इलाज करा सके या उससे असर से निपट सके.
पैरोल क्या होती है :- What is Parole
पैरोल में सजायाफ्ता कैदी को कुछ शर्तों के साथ रिहाई दी जाती है. यह एक निश्चित अवधि के लिए होती है. कैदी के आचरण और रिकॉर्ड को देखने के बाद भी यह तय किया जाता है कि उसे पैरोल पर भेजा जाना है या नहीं. इसके अलावा समय-समय पर उसे रिपोर्ट भी करना पड़ता है जो साबित करता है कि कैदी भागा नहीं है. इसे एक सुधारात्मक प्रक्रिया माना जाता है.
यानी एक तरह से कैदी को सुधार का मौका दिया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन में उस कैदी को पैरोल लेने का आधिकार है जिसे कम से कम 18 महीने की सजा दी गई है और वह एक तिहाई सजा पूरी कर चुका है. वहीं भारत में पैरोल को कैदी के अधिकार के तौर पर नहीं देखा जाता है. कैदी की ओर से तमाम कारण दिए जाने के बाद भी पैरोल कैंसिल की जा सकती है.
पैरोल को लेकर देश के राज्यों के अपने नियम हैं. जैसे- राजस्थान में प्रारंभिक पैरोल 20 दिनों के लिए दी जाती है; दूसरी 30 दिनों के लिए और तीसरी 40 दिनों के लिए । इसके बाद कैदी स्थायी पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है।
इन्हे नहीं मिल सकती पैरोल :- difference between parole and furlough
भारत में कारागार अधिनियम 1894 के तहत पैरोल दी जाती है. ऐसे कैदी जिन पर कई हत्याओं का आरोप है, आतंकवाद से जुड़ी गतिविधि में शामिल रहे हैं और उन पर UAPA लगा है, ऐसे कैदियों को पैरोल पर भी रिहाई नहीं दी जा सकती. सामान्य पैरोल के इतर, इमरजेंसी की स्थिति में जेल सुपरिटेंडेंट को 7 दिन की पैरोल देने का अधिकार होता है.
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