चेक बाउंस होने पर क्या करें | Chque bounce hone par kya krein
चेक बाउंस होने पर क्या करें , कैसे करें बचाव ! जानिए अपने अधिकार ! chque-bounce-case-hindi-indian-law-Chque bounce hone par kya krein
chque-bounce-hone-par-kya-krein-आज हम चेक बाउंस होने पर क्या करना चाहिए या अगर किसी का हम चेक लगा रहें हैं उसका चेक बैंक से बाउंस हो जाता है तो हमे क्या करना चाहिए इसके बारे में जानेगें। सबसे पहले हमे ये जानना जरूरी होता है की चेक बाउंस होता क्या है , दरअसल जब हम किसी से कोई चीज़ या किसी से पैसे उधार लेते हैं तो सामने वाला हमसे अपने अमानत की सुरक्षा के लिए हमसे चेक की डिमांड करता है हमे उनको खाली चेक देना होता है|
अगर हम अपने किये वायदे के अनुसार उसकी रकम वापस नहीं करते हैं तो सामने वाली पार्टी हम पर केस कर देती है इसमें सबसे पहले आपको ये बताया जायेगा की हम आपका चेक लगाने जा रहें हैं और जब आपका चेक बैंक में लग जाता है तो आपके बैंक खाते में पर्याप्त रकम नहीं होने से आपका चेक बाउंस हो जाता है।
चेक बाउंस अन्य कारणों से भी हो जाता है जैसे हस्ताक्षर नहीं मिलने पर या दिनांक सही नहीं होने पर जैसे कई कारण होते हैं इसके बाद फिर आपको बैंक की तरफ से भी सुचना दी जाती है की आपके खाते से चेक बाउंस हो चूका है |
चेक बाउंस होने पर चेक लगाने वाली पार्टी को चेक देने वाले को 30 दिन में एक नोटिस भी देना होता है जिसे लीगल नोटिस कहते हैं उसमे ये बाते लिखी होती है की हमने आपका चेक लगाया लेकिन पर्याप्त राशि नहीं होने के चलते वो बाउंस हो गया और आपको 30 दिनों के अंदर वो राशि हमे देनी होगी अन्यथा हम आपका केस अदालत में लेकर जायेंगे। यहां अगर आप उनकी राशि लोटा देते हैं तो केस यहीं खत्म हो जाता है वर्ना केस अदालत में चला जाता है|
ये केस निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत सिविल कोर्ट में फाइल किया जाता है इसमें कम से कम दो साल की सजा का प्रावधान है वहीं चेक में जितनी राशि डाली गयी उसकी दुगनी राशि आपको देनी पड़ सकती है ये इस बात पर निर्भर करता है की आपका जुर्म कितना संगीन है इसमें चेक लगाने वाली पार्टी धारा IPC 420 के तहत भी केस दायर कर सकती है पर उससे ये साबित करना होता है की सामने वाले का इरादा पैसा नहीं चुकाने या बेईमानी करने का था अगर ये साबित हो जाता है तो सजा 7 साल तक की हो सकती है|
ये भी ध्यान दें :- chque-bounce-hone-par-kya-krein
किसी व्यक्ति ने दोस्त की मदद के लिए उसे पैसा दिया और वह वापस करने के लिए चेक देता है और वह बाउंस हो जाता है, तो इस मामले में मामला दर्ज नहीं होगा। क्योंकि मदद के लिए दिया गया पैसा लोन यानी उधार माना जाता है। आप कोई कारोबार कर रहे हैं और आपने किसी व्यक्ति से सामान खरीदा, तो आपको उसके पास सुरक्षा (सिक्योरिटी)के तौर पर कुछ रखना होगा। सिक्योरिटी के तहत दिए इस चेक को दूसरी पार्टी ने कैश कराने की कोशिश की और चेक बाउंस हो गया तो केस नहीं बनेगा।
इन मामलों में नहीं होगी कार्रवाई :-
- -अगर चेक एडवांस के तौर पर दिया गया है.
- -अगर चेक सिक्योरिटी के तौर पर दिया गया है.
- -अगर चेक में नंबर और शब्दों में लिखा गया अमाउंट अलग-अलग है.
- -अगर चेक किसी चैरिटेबल संस्था को गिफ्ट या डोनेशन के तौर पर दिया गया है.
- -अगर चेक विकृत अवस्था में मिलता है.
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