क्या पोर्न विडोज़ देखना भारत में अपराध है | Indian Law on Pornography in Hindi
क्या पोर्न विडोज़ देखना भारत में अपराध है ? केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली :Indian Law on Pornography in Hindi- देश में अन्य सवालों की तरह एक सवाल हमेशा से ही लोगों के दिमाग में आता है, कि भारत में आखिर अश्लील कंटेंट यानि किसी तरह के पोर्न विडोज़ को देखने या शेयर करना, डाऊनलोड करना क्या ये किसी तरह के अपराध की श्रेणी में आता है ? आज एक फैसले में केरल हाई कोर्ट ने भी स्पष्ट किया है। आइए जानते हैं इंडिया में पोर्न से रिलेटेड कानून और आज के हाई कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा करेंगे।
केरल हाई कोर्ट ने एक फैसले में आज कहा कि अगर कोई व्यक्ति या महिला अकेले में पोर्न देख रहे हैं तो ये अपराध नहीं माना जा सकता। क्यूंकि अकेले में पोर्न देखना भारतीय दंड सहिंता की धारा 292 के तहत अपराध नहीं है। वहीं अगर कोई अश्लील कंटेंट पब्लिक्ली दिखा रहा है या किसी दूसरे को दिखा रहा है या शेयर कर रहा है तो ये जरूर भारतीय दंड सहिंता की धारा 292 के तहत अपराध होगा।
जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने अपने फैसले में कहा, ‘पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित है. लेकिन आज के नए डिजिटल युग में और ज्यादा सुलभ हो गई है. बच्चों और बड़ों की उंगलियो पर आ गयी है। ऐसे में अगर कोई पोर्न वीडियो अपने निजी कमरे या किसी ऐसे स्थान पर देख रहा जहाँ वो अकेला है तो ये अपराध नहीं होगा। क्योंकि ये व्यक्ति की निजी पसंद हो सकती है और इसमें दखल करना उसकी निजता में घुसपैठ करने के बराबर होगा।
वहीं अगर साल 2015 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नज़र डालें तो सुप्रीम कोर्ट ने भी यही स्टेटमेंट दी थी कि निजी स्पेस में पोर्न देखना गलत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, निजी कमरे में पोर्न देखना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि अकेले पोर्न देखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी या महिलाओं के खिलाफ बलात्कार या हिंसा से जुड़े अश्लील कंटेंट को देखना या इकट्ठा करना अपराध के दायरे में आता है। Indian Law on Pornography in Hindi
Indian Law on Pornography in Hindi : धारा 292 आईपीसी, 293, आईपीसी की धारा 294
धारा 292 आईपीसी: इस धारा के तहत, अश्लील या अश्लील सामग्री का सार्वजनिक प्रदर्शन, बिक्री या वितरण, खासकर अगर इसमें नाबालिग शामिल हैं, निषिद्ध है। जुर्माना: लगभग 2 साल की कैद या जुर्माना, या दोनों।
धारा 293 आईपीसी: यह धारा विभिन्न तरीकों से अश्लील या अश्लील सामग्री के उपयोग को रोकने से संबंधित है। जुर्माना: लगभग 3 महीने की कैद या जुर्माना, या दोनों।
आईपीसी की धारा 294: यदि कोई सार्वजनिक स्थान पर अश्लील या अशोभनीय व्यवहार करता है, जिससे दूसरों को परेशानी होती है, तो उन्हें इस धारा के तहत दंडित किया जा सकता है। जुर्माना: लगभग 3 महीने की कैद या जुर्माना, या दोनों।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये दंड परिस्थितियों और क्षेत्रीय या राज्य कानूनों के विशिष्ट प्रावधानों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यदि नाबालिग किसी भी प्रकार की पोर्नोग्राफ़ी में शामिल हैं, तो बाल पोर्नोग्राफ़ी कानून लागू हो सकते हैं, जिनमें आम तौर पर सख्त दंड होते हैं।
अन्य धाराएं : IPC 67, 67A , 67B
धारा 67 के तहत, पोर्न कंटेंट देखने, डाउनलोड करने और वायरल करने पर पहली बार 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है।
धारा 67A के तहत, मोबाइल में पोर्न कंटेंट रखने और वायरल करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है दूसरी बार पकड़े जाने पर 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
वहीं, धारा 67B कहती है कि अगर किसी के मोबाइल में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा वीडियो या फोटो मिलता है तो पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल जेल और 10 लाख के जुर्माने की सजा हो सकती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख से पोर्न सबंधी कानून समझने में मदद मिली होगी। अगर आप ऐसे ही कानून से सबंधित मुद्दों पर जानकारी लेना चाहते हैं तो आप इस समय सही प्लेटफार्म पर हैं। इस वेबसाइट को फॉलो करें। हम हर रोज़ नई नई जानकारियां शेयर करते रहते हैं। धन्यवाद !
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