What is MCOCA Act (Law) क्या है मकोका कानून ? कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर लगा है मकोका एक्ट MCOCA Act Kya Hai

Sidhu Moosewala Murder Case NIA Investigation
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What is MCOCA Act (Law) क्या है मकोका कानून ? कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर लगा है मकोका एक्ट MCOCA Act Kya Hai

इन दिनों मकोका कानून बड़ी चर्चा में हैं। What is MCOCA Act चर्चा का कारण है पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या , आपको बता दें कि 29 मई की शाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गैंगस्टरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद जब पुलिस ने छानबीन की तो इसमें शामिल कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई व गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम सामने आया। लेकिन मकोका एक्ट क्यों चर्चा में आया ? दरअसल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इन दिनों दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। बिश्नोई पर ही मकोका एक्ट लगा है।

क्या होता है ये मकोका एक्ट ? What is MCOCA Act

मकोका एक्ट यानि महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट जो महाराष्ट्र सरकार ने साल 1999 में महाराष्ट्र में लागु किया था। आपको बता दें कि मकोका उन कुख्यात गैंगस्टरों , अपराधियों या अंडर वर्ल्ड के किसी डॉन पर लगाया जाता है जो किसी संगठित अपराध का हिसा हों , यानि कोई अपराध जो काफी सोच समझ कर किये गए हैं। जैसे अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधी, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण, हत्या या हत्या की कोशिश, धमकी, उगाही सहित ऐसा कोई भी गैरकानूनी काम जिससे बड़े पैमाने पर पैसे बनाए जाते हैं, मामले शामिल हैं।


मकोका एक्ट उन पर लगता है जो बार बार ऐसे अपराध करते जाते है। 90 के दशक में महाराष्ट्र में काफी अपराध बढ़ गए थे इस लिए महाराष्ट्र सरकार को ऐसे सख्त कानून की जरूरत पड़ी। इसके बाद साल 2002 में इसे दिल्ली में भी लागु किया गया , अब ये एक्ट दिल्ली व महाराष्ट्र में लागु है।

What is MCOCA Act
Gangster Lawrence Bishnoi

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद अब मनकीरत औलख को जान से मारने की धमकी 

कब लगता है ये एक्ट :

  • मकोका एक्ट तब लगता है जब अपराधी ने जबरन वसूली , फिरौती , हत्या , अपरहण , धमकी उगाही जैसे जुर्म किये हों। या कोई ऐसा गैर क़ानूनी काम जिसे ज्यादा से ज्यादा पैसे बनाये जाते हों। ऐसे मामलों में मकोका एक्ट लागु होता है।
  • मकोका एक्ट लगाने के लिए पहले पुलिस को एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस से मंजूरी लेनी होती है। इस कानून के तहत अधिकतम सजा फांसी व कम से कम पांच साल की सजा का प्रावधान है।
  • मकोका के तहत आरोपी की पुलिस रिमांड 30 दिन तक हो सकती है, जबकि आईपीसी के तहत यह अधिकतम 15 दिन होती है। यदि पुलिस 180 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं करती तो आरोपी को जमानत मिल सकती है।
  • आपको बता दें कि जिस किसी अपराधी पर मकोका एक्ट लगा होता है , उसको जमानत मिलना काफी मुश्किल होता है।

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