Punjab Power Crisis: पंजाब में फिर गहराया बिजली संकट , नई सरकार के लिए होगी चुनौती
चंडीगढ़ : पंजाब में नई सरकार आम आदमी पार्टी की बन चुकी हैं। अब पंजाब के नए सीएम बने भगवंत मान के सामने एक एक चुनौतियां सामने आने लगी हैं। कुछ तो वो चुनौतियां होंगी जो आप पार्टी ने चुनावों में जनता से वायदे किये थे , वहीं कुछ ऐसी चुनौतियां भी हैं जो पहले से ही पंजाब की जनता को परेशान कर रही हैं। इनमें से बिजली की समस्या बहुत बड़ी चुनौती होने वाली है।
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अभी गर्मी का सीजन शुरू होने वाला है लेकिन बिजली के कट अभी लगने शुरू हो चुके हैं। आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में भी पंजाब में बिजली की कमी के चलते हालत बहुत ख़राब हो गए थे। तब सीएम चन्नी भी कुछ नहीं कर पाए थे। अब यही चुनौती पंजाब के नए बने सीएम भगवंत मान के सामने आ खड़ी है। पिछले साल इसी सीजन में लगभग सात हज़ार मेगावाट के आसपास बिजली की खपत हो रही थी , लेकिन इस बार अभी से ही ये खपत आठ हज़ार मेगावाट से ऊपर चली गयी है। हालाँकि अभी तक तो लोगों के AC भी शुरू नहीं हुए हैं।
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राज्य में कोयले की कमी के चलते तीन थर्मल प्लांट बंद होने की कगार पर हैं। गोइंदवाल साहिब , राजपुरा व तलवंडी सबो के थर्मल प्लांटों में कोयले की किलत चल रही है। गुरुवार को इनकी 7 में से 5 ही यूनिट चली हैं। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की एक यूनिट बंद करनी पड़ी। इससे राज्य में छोटे-छोट कट लगने शुरू भी हो गए हैं।
कुछ दिनों का ही कोयला बचा है
हालांकि पावरकॉम के लेहरा मुहब्बत और रोपड़ थर्मल प्लांट को लेकर अभी चिंताजनक स्थिति नहीं है। यहां करीब 18 से 22 दिन का कोयला बचा हुआ है। हालांकि इनकी 8 में से 4 ही यूनिट बिजली की प्रोडक्शन कर रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कोल इंडिया लिमटेड ने पब्लिक सेक्टर थर्मल प्लांटों के लिए चार हज़ार रूपये प्रति मीट्रिक टन का अग्रीमेंट किया है। जबकि निजी थर्मल प्लांट ऑनलाइन बोली करके कोयले खरीद लेते हैं अब गर्मियों में इनकी मांग बढ़ने के साथ इनके दाम भी बढ़ चुकें हैं इसी लिए कोयले का संकट पैदा हो रहा है।
भगवंत मान के लिए होगी नई चुनौती
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अब पंजाब के नए बने सीएम के लिए ये चुनौती होने वाली है। पिछले बार सीएम चन्नी इस समस्या का समाधान नहीं कर पाए थे। चन्नी ने खेती तो दूर घरों में बिजली पहुंचने में हाथ खड़े कर दिए थे। राज्य को चार चार घंटों का कट झेलना पड़ा था। पावर काम के अधिकारीयों ने जानकारी देते हुए बताया है कि इस बार उन्होंने 15 हज़ार मेगावाट के करीब बिजली खरीदी है। क्यूंकि हर बार मांग लगभग 14 हज़ार मेगावाट के आसपास रहती है। पावर काम ने बताया कि ये बिजली मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और मेघालय से 2000 से 2500 मेगावाट तक बिजली खरीदी गई है। यह बिजली इस साल जून से सितंबर महीने तक मिलेगी।
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