Operation blue star 1984 History : इंदिरा ने बढ़ाया था भिंडरावाला का कद : जनरल कुलदीप बराड़
अमृतसर : Operation blue star 1984 History पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेम्पल पर साल 1984 में इंदिरा सरकार द्वारा किये हमले के बारे में बोलते हुए जनरल कुलदीप बराड़ ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने ही भिंडरावाले को सह देकर उसका कद बढ़ाया था | जब भिंडरावाले की डिमांड बढ़ने लगी तो इंदिरा सरकार ने उसको खत्म करने का प्लान बनाया। जनरल कुलदीप बराड़ ने ही ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व किया था। जनरल कुलदीप बराड़ ने 39 साल बाद पहली बार उस हमले के बारे में बताया। बराड़ ने कहा कि इंदिरा सरकार ने भिंडरा वाले को कंट्रोल करने में देरी कर दी जिसका अंजाम उन्हें भुगतना पड़ा था। Operation blue star 1984 History
कुलदीप बराड़ ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब पंजाब का माहौल बिगड़ने लगा था भिंडरावाले का रुतबा काफी बढ़ चूका था और पंजाब में खालिस्तान की मांग उठने लगी थी। केंद्र सरकार की शह पर भिंडरावाले एक साल में अर्श तक पहुंच चूका था। जनरल बराड़ ने कहा कि इंदिरा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार लीड करने के लिए उन्हें ही चुना था ये देखे बिना कि मेरा धर्म क्या है बस उन्हें मुझे एक सैनिक समझा और ब्लू स्टार की जुमेवारी मुझे सौंपी। Operation blue star 1984 History
आपको बता दें कि साल 1984 में कुलदीप बराड़ ने ही ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इस सैन्य कार्रवाई में 492 लोगों की जान गई थी। सेना के 4 अफसरों समेत 83 जवान शहीद हुए थे। जनरल बराड़ 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के भी हीरो थे। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में प्रवेश करने वाले वह पहले भारतीय सैनिकों में से एक थे।
क्यों हुआ था ऑपरेशन ब्लू स्टार Operation blue star 1984 History
दरअसल साल 1984 में धार्मिक संस्था दमदमी टकसाल के मुखी जरनैल सिंह भिंडरावाले का दबदबा काफी बढ़ने लगा था। उसकी विचारधारा से काफी लोग जुड़ने शुरू हो गए थे। उसके समर्थक पंजाब में खलिस्तान की मांग करने लगे थे। पंजाब में माहौल बिगड़ने का खतरा पैदा हो गया था। भिंडरावाला ने गोल्डन टेंपल परिसर में बने श्री अकाल तख्त को अपना मुख्यालय बना लिया। भिंडरावाला के बढ़ते कद को देखते हुए इंदिरा गांधी ने 1 जून 1984 के दिन अमृतसर को सेना के हवाले कर दिया। ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया गया। Operation blue star 1984 History
इसकी कमान मेजर जनरल कुलदीप सिंह बराड़ को सौंपी गई। 5 जून 1984 को शाम 7 बजे सेना ने कार्रवाई शुरू की। टैंक अंदर भेजे गए, जिससे श्री अकाल तख्त को नुकसान हुआ। 6 जून की देर रात सेना को भिंडरावाला की लाश मिली। 7 जून की सुबह ऑपरेशन ब्लू स्टार खत्म कर दिया गया। सिख इतिहास में आजादी के बाद का ये सबसे बड़ा हमला माना गया था।
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