प्यार के साथ खूबियां मिलेंगी और रिश्ता मजबूत बनेगा
प्यार के साथ खूबियां मिलेंगी और रिश्ता मजबूत बनेगा
किसी भी रिश्ते को बनाने से ज्यादा मुश्किल होता है संभालना और निभाना ,इसके लिए प्यार चाहिए और साथ ही भावनात्मक परिपक्वता चाहिए .
कहते हैं कि सफल और मजबूत रिश्ते के लिए दो लोगों की पसंद न पसंद और व्यवहार मिलना जरूरी है फिर रिश्ता निभाना आसान हो जाता है और आपस का प्रेम – प्यार बना रहता है .
रिश्ते में ये सब होना जरूरी है
- सुरक्षा – ये अहसास रिश्ते में अहम भूमिका निभाता है आप अपने साथी को कोई जिम्मेदारी सौंपी है और आपको यकीन है की वो इस जिम्मेदारी को किसी भी सूरत में पूरा करेंगे तो इसे सुरक्षा का अहसास कहते हैं साथी का मौजूद हो ही सुरक्षा महसूस करता है .
- विश्वास और त्याग – हर रिश्ता विश्वास पर टिका होता है अगर आप मुसीबत में हैं तो आपका साथी साथ होगा यह विश्वास है इच्छा या पसंद का त्याग करना साथी की जरूरत पसंद को महत्व देना भी रिश्ते में जरूरी है .
- सम्मान -सम्मान भी रिश्ते में प्यार जितना जरूरी होता है ,आपका अपने साथी से बात करना ,उसकी जरूरतों का ध्यान रखना ,उन्हें सुनना ,ये सब व्यवहार से पता चल जाता है .आप ये ध्यान रखते हैं कि आपकी किसी बात से आपके साथी के दिल को ठेस न पहुंचे यह भी सम्मान कहलाता है ,जिससे सामने वाले को अच्छा व् मूल्यवान महसूस होता है .
- साझेदारी – अगर कभी आपका साथी कमजोर पड़े उस परिस्तिथि में आप उसका सहारा बनते हैं ,मुश्किलों से लड़ने में मदद करते है साझेदारी कहते हैं .
- भावनात्मक सहारा – जब कोई परेशानी हो मुश्किल में भावनात्मक सहारे की जरूरत होती है आपको अपने साथी के साथ बात करेंगे तो उसका मन हल्का हो जाएगा ,यह गुण रिश्ते में महसूस होने वाले अकेलेपन को दूर करता है .
- आजादी – हर व्यकित को अपने निजी समय की जरूरत होती है और अपने साथी को उसके अनुसार आजादी देना रिश्ते में बहुत जरूरी है ,अगर आजादी नहीं मिलती तो रिश्ते में घुटन महसूस होने लगती है .
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- भावनाओं का आदर करें – साथी को बात रखने की आजादी दी है तो उन्हें सही या गलत न कहे केवल सुने .उन्हें भावनात्मक सहारा दें व् हल निकलने की कोशिश करें .
- बराबरी का दर्जा दें -साथी को अपने दिल की बात कहने की आजादी दें ,दोनों की काबलियत एक दू सरे से अलग हो सकती है इसलिए न ही एक दूसरे को छोटा महसूस कराएं और न ही किसी की कमियां निकालें .अगर बड़े फैसले लेने हैं तो उनसे पूछे कि इस मामले में उनकी क्या राय है इससे उनको सम्मान व् अपनी अहमियत महसूस होगी .
- ध्यान दें और सुने – अपने साथी पर ध्यान दें व् उन्हें सुने ,उनके लिए समय निकालें ताकि उन्हें लगे कि वो आपके लिए महत्वपूर्ण हैं .
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