आईपीसी की धारा 505 , 506 क्या है | IPC- 505(1), 505(2) in hindi
आईपीसी की धारा 505 , 506 क्या है -IPC- 505(1), 505(2) in hindi
आज के इस लेख में हम जानेंगे की भारतीय दंड सहिंता की धारा 505 और 506 क्या है। यानि ये धाराएं कब लगाई जाती है इसमें क्या क्या प्रवधान किये गए हैं। इन दोनों धाराओं के तहत कितनी सजा होती है या कितना फाइन होता है। क्या ये दोनों धाराएं जमानती है ? चलिए शुरू करते हैं – IPC Ki Dhara 505 or 506 Kya hai In Hindi
धारा – 505 भारतीय दंड सहिंता की धारा 505 ऐसे समय लगाई जाती है जब कोई किसी धर्म विशेष या किसी समुदाय, जाति के खिलाफ अफवाह या नफरत फैलाना का काम करता है। यानि किसी विशेष धर्म, जाति , समुदाय के खिलाफ दुश्मनी पैदा करना की कोशिश करता हो , उस पर इस धारा के तहत में मुकदमा दर्ज़ होता है। धारा 505 के आगे दो भाग भी हैं – धारा 505(1) व 505(2)
धारा 501 (1) – इस धारा के तहत उन सभी फ़र्ज़ी खबरों यानि कोई भी रिपोर्ट जो झूठ फैलाकर समाज में अशांति पैदा करे, जैसे की हालही में कोरोना के समय भी बहुत सारी फेक खबरें या विडोज़ मिले , या किसी सरकारी स्कीम की गलत जानकारी देना। या किसी विशेष समुदाय के खिलाफ कोई लेख या खबर, वीडियो बनाना। जिसे समाज में हिंसा या नफरत का माहौल बने। ये सब आईपीसी की धारा 501(1) के तहत क़ानूनी जुर्म हैं। इसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा व जुर्माना या दोनों एक साथ भी हो सकते हैं।
IPC Ki Dhara 505 or 506 Kya hai In Hindi
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ये एक जमानती धारा है यानि इसमें जमानत मिल सकती है अगर स्तिथि ज्यादा गंभीर न हो। ये कोर्ट द्वारा तय किया जाता है जिस व्यक्ति के खिलाफ ये धारा लगाई गयी है क्या वह समाज के लिए जमानत के बाद खतरा बन सकता है ? अगर कोर्ट को लगता है कि ये व्यक्ति खतरा नहीं बनेगा तो उससे बेल दी जा सकती है।
धारा 505 (2) – इस धारा के तहत भी जैसे किसी को धमकी देना , अफ़्ववा फैलाना या किसी धर्म, जाति के खिलाफ बयान देना , या किसी को पब्लिक्ली जाति, धर्म के लिए गाली देना। इस धारा के अपराध की श्रेणी में आएगा। इस धारा के तहत गिरफ्तार किये व्यक्ति को तीन साल तक की सजा या जुर्माना अथवा दोनों एक साथ भी हो सकते हैं। ये धारा गैर -जमानती है। यानि इसकी जमानत का फैसला कोर्ट के रुख पर निर्धारित होगा।
आईपीसी की धारा 506 – भारतीय दंड सहिंता की धारा 506 का जिक्र हम आम ही सुनते रहते हैं। क्यूंकि जब कोई किसी को जान से मारने की धमकी देता है तो वह इस धारा के तहत जुर्म होता है। यानि कोई गैंगस्टर या कोई बदमाश किसी व्यक्ति से फिरौती मांगता या किसी अन्य कारण से भी जान से मारने की धमकी देता है तो वह इस धारा के तहत दोषी माना जायेगा। इसमें दो साल तक की सजा व जुर्माना अथवा दोनों एक साथ हो सकते हैं।
ये धारा जमानती धारा है यानि अगर दोनों पक्ष आपस में समझौता कर लेता है तो इस धारा का केस खत्म हो जाता है। वहीं जमानत कोर्ट द्वारा धमकी देने वाली क्रिमनल के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर दी जाती है।
तो Friends,आपको ये क़ानूनी जानकारी कैसी लगी ? हमे यहां कमेंट में जरूर बताएं। वहीं इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरूर करें। अगर आप ऐसी और ज्यादा जानकारियां व खबरें पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट को फॉलो भी कर लें। नोट करें – यहां इन धाराओं के बारे में समान्य जानकारी दी गयी। अगर आपको इससे ज्यादा जानकारी चाहिए तो किसी अधिवक्ता से सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद !
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