अब डेथ सर्टिफिकेट पर भी होगा कोरोना से होनी वाली मौत का जिक्र , केंद्र सरकार ने की गाइडलाइंस जारी।
New Delhi : सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी है अब कोरोना से होनी वाली मौतों का जिक्र मृतक के डेथ सर्टिफिकेट में किया जायेगा। ये जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दी गयी है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जोर देकर जल्द से जल्द इस मामले में कोई गाइडलाइंस बनाने को कहा था केंद्र सरकार ने सख्ती के बाद 10 दिन में ये रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में बता दिया है।
क्या है गाइडलाइंस :- Covid-19 Death Certificate Guidelines Issues By Center
सरकार की तरफ से कोर्ट में बताया गया है कि ये कोरोना से होने वाली मौत तभी डेथ सर्टिफिकेट में दर्ज़ की जाएगी अगर मृतक की पहले RT-PCR टेस्ट, मॉलिक्यूलर टेस्ट, रैपिड-एंटिजन टेस्ट किया गया हो या किसी हॉस्पिटल या घर में डॉक्टर ने जांच करके कोरोना संक्रमण की पुष्टि की हो। केंद्र सरकार ने साफ कहा है इसके बिना अगर किसी एक्सीडेंट ,आत्म हत्या , हत्या , जहर खाने से या किसी दूसरे किसी कारण से हुई मौत को कोरोना से हुई मौत नहीं माना जायेगा चाहे मृतक कोरोना संक्रमित रहा हो।
वहीं सरकार की तरफ से कहा गया कि ऐसे मरीज जिनकी अस्पताल में या घर पर मौत हुई और जिसमें पंजीकरण संस्था को जीवन और मृत्यु पंजीकरण एक्ट 1969 (सेक्शन 10) के तहत के मेडिकल सर्टिफिकेट का फॉर्म 4 और 4A दिया गया है, सिर्फ उनकी मौत ही कोरोना संबंधित मानी जाएगी।
गाइडलाइंस में ये भी बताया गया है कि अगर किसी मामले में डेथ सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है या मृतक के परिजन डेथ सर्टिफिकेट में दिए कारण से संतुष्ट नहीं है ,अगर ऊपर दिए कारणों में भी वो कवर नहीं होते तो ऐसे मामलों में राज्य या केंद्र शासित प्रदेश जिला स्तर पर बनी कमेटी को सुचना देंगे। वहीं अगर किसी कोरोना संक्रमित की मौत हस्पताल या घर में बनी फैसलिटी से 30 के बाद भी मौत होती है तो कोरोना से हुई मौत मानी जाएगी , उसकी डेथ सर्टिफिकेट में मौत का कारण कोरोना लिखा जायेगा।
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