इजराइल हमास युद्ध में लाशों के ढेर पर राजनितिक रोटियां सेक रहा है अमेरिका ?
इजराइल हमास युद्ध में लाशों के ढेर पर राजनितिक रोटियां सेक रहा है अमेरिका ?
नई दिल्ली : हमास – इजरायल युद्ध को 13 दिन हो गए हैं . यहां दोनों तरफ से हज़ारों निर्दोष नागरिक , बच्चे औरतें मारे जा चुके हैं . दुनियां की नज़र इस समय अमेरिका व उसके सहयोगी वीटोधारी देशों पर टिकी हुई थी हर कोई उम्मीद कर रहा है कि दुनियां के शक्तिशाली देश इस भयंकर नरसहार को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे .
इसको मध्यनज़र रखते हुए आज सयुंक्त राष्ट्र की सभा में इसराइल हमास युद्ध के युद्ध विराम को लेकर चर्चा हुई जहाँ वीटोधारी देशों ने अपने अधिकारों का उपयोग किया . लेकिन यहां अमेरिका ने सबको हैरानी में डालते हुए इजरायल के पक्ष में वोट किया और कहा की इजरायल जो हमास पर कार्यवाई कर रहा है वो बिलकुल ठीक है .यानि अमेरिका ने युद्ध विराम का विरोध किया .
बता दें कि कल ही अमरीकी राष्र्ट्पति इजरायल दौरे पर इजरायल के प्र्धानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात कर देश लौटे हैं . अपने इजरायल दौरे से पहले भी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा था कि इजरायल को अब युद्ध विराम की तरफ सोचना चाहिए . क्यूंकि जो इजरायल कर रहा है वो काफी नुकसानदेह होने वाला है . अमेरिका ने कहा था कि इजरायल सहित पूरी दुनियां को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं .
वहीं जब अमेरिकी राष्टपति बाइडेन इजरायल पहुंचे तो उनके सुर बदले बदले नज़र आये .यहां उस दिन सुबह हमास के हॉस्पिटल में एक मिसाइल से धमाका हुआ था जिससे 500 लोगों की मौत हो गयी थी . जिसमे मरीज़ , बच्चे औरतें शामिल थी . यहां दौरे पर पहुंचे बाइडेन ने कहा कि ये हमला इजरायल ने नहीं किया , बल्कि दूसरी पार्टी ने किया है .यानि आंतकी संगठन हमास जब इजरायल पर हमला करने की फ़िराक में था तब ये मिसाइल किसी तरह मिस हो गयी और हमास के ही हॉस्पिटल में गिर गयी .
हालाँकि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के इस बयान के बाद तमाम मीडिया चैनल ये बता भी चुके हैं ये हमला इजरायल ने ही किया था . लेकिन कुछ का कहना है कि हमास ने ही किया था लेकिन ये गलती से उसके ही हॉस्पिटल में गिर गया .
US Vetoes UN Resolution Condemning Hamas Attack on Israel
बहरहाल , यहां हम अमेरिका के चेहरे से हटे उस नकाब की बात करेंगे जो सयुंक्त राष्ट्र की महासभा में सामने आया. दरअसल अमेरिका व इजरायल की दोस्ती दुनियां जानती कि कितनी गहरी है . इसी के चलते अमेरिका की सयुंक्त राष्ट्र में राजदूत लिंडा थॉमस ने अमेरिका का पक्ष रखते हुए कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक़ है . उसे यूएनए के चार्ट 51 के तहत अपनी रक्षा करने के लिए किसी विरोधी देश के हमले का जवाब देने का हक़ है .
लिंडा ने कहा कि इजरायल कुछ भी गलत नहीं कर रहा है . जब लिंडा ने युद्ध विराम का विरोध किया तब अन्य देशों के प्रतिनिधि लिंडा की तरह उसके इस फैसले का विरोध जताने के लिए उनकी तरफ पीठ करके खड़े हो गए .
ये बात सभी मानते हैं कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा हक़ है लेकिन क्या इस रक्षा की आड़ में निर्दोष बच्चों , औरतों को मारना भी जायज़ है ? बच्चे, औरतें बुजुर्ग जिनका इस युद्ध से कोई लेना देना नहीं है उन्हें भी मौत के घाट उतार दिया गया . सेंकडो बच्चों के सर कलम कर दिए गए उन्हें दर्दनाक जख्म दिए गए . बच्चों औरतों को हफ्ते तक पानी भी नहीं दिया गया . ऐसा सिर्फ इजरायल नहीं बल्कि हमास भी कर रहा है . यानि दोनों देशों की इस दुश्मनी में निर्दोष बच्चे व औरतें अपनी बलि दे रही हैं .
शांति की दुहाई देने वाला अमेरिका क्यों नहीं सोचता की आये दिन हज़ारों मासूम बच्चे व निर्दोष नागरिक युद्ध की आड़ में मारे जा रहे हैं . अभी ग़ज़ा के हॉस्पिटल में हमले से डॉक्टर , बच्चे , औरतें व मरीज़ों की मौत हो गयी थी . इससे ज्यादा मरी हुई इंसानियत आप कहाँ देख सकते हैं . कुछ लोगों ने हस्पताल की शरण इसलिए ली क्यूंकि उनको पता था कि यहां तो कोई हमला नहीं करेगा .लेकिन उन्हें क्या पता था कि इजरायल ने इंसानियत को खूंटी पर टांग दिया है .
अमेरिका की कथनी और करनी में इस फर्क से सारी दुनिया हैरान है वहीं अमेरिका में भी इसका जबरदस्त विरोध हो रहा है . सोचने वाली बात ये है कि जब अमेरिका इस युद्ध का समर्थन करता है तो जो बिडेन क्यों इजरायल दौरे पर गए थे ? जबकि पहले तो उन्होंने कहा था कि इजरायल को अब युद्ध विराम की तरफ सोचना चाहिए .लेकिन सरां में उनकी प्रतिनिधि ने उनका असली चेहरा दुनियां के सामने ला दिया . कि चाहे कितनी भी निर्दोष बच्चों , औरतों के खून की नदियां क्यों न बह जाएँ अमेरिका लाशों के ढेर पर भी राजनीती करने से बाज़ नहीं आने वाला .
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