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pregnacy men ( vajan ) weight kitna ho
गर्भावस्था में वजन कम घातक है इसलिए गर्भावस्था में इन बातों का खास ख्याल रखें
गर्भावस्था में कुछ महिलाओं का वजन बहुत कम होता है | इस अवस्था में जहां एक मोटापा कई समस्याओं को जन्म दे सकता है ,वहीं दूसरी और गर्भवती महिला का अंडरवेट होना भी खतरे से खाली नहीं है | जिन महिलाओं का वजन गर्भावस्था से पूर्व 45 किलो से कम या बीएमआई 18 .5 से कम हो उन्हें अंडरवेट श्रेणी में माना जाता है |
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कम वजन से मां को होने वाली समस्याएं – अंडरवेट होने पर जरूरी पोषक तत्वों जैसे कि आयरन और फोलेट कि कमी होती है जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है |
इन महिलाओं में प्रीटर्म लेबर यानी नौ महीने से पहले प्रसव का खतरा बढ़ जाता है |
अगर महिला का वजन गर्भावस्था के दौरान कम है तो उसका पेल्विस संपूर्ण रूप से विकसित नहीं होता ,जिससे उसे सामान्य प्रसव के दौरान कठिनाई का सामना करना पड़ता है | साथ ही सिजेरियन ऑपरेशन की आंशका बढ़ जाती है |
भ्रूण की जरूरतों को पूरा करने का लिए शरीर सभी पोषक तत्वों का इस्तेमाल कर लेता है |इसलिए बहुत कम वजन वाली महिलाओं को आने वाले समय में एनीमिया या ऑस्टियोपोरोसिस ( ऐसी स्थिति जिसमें हड्डियों का घनत्व कम होने से हड्डियां कमजोर हो जाती और इनके टूटने की आंशका बढ़ जाती है ) हो सकता है |
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वजन कम से शिशु को खतरा – गर्भावस्था के दौरान शिशु को सही पोषण न मिलने के कारण जन्म के समय उसका वजन कम हो सकता है | ऐसे लो बर्थ वेट शिशु को कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है |
अगर शिशु का वजन जन्म के समय बहुत कम है तो इसकी वजह से उसे हाइपोथर्मिया ( शरीर का तापमान ) या हाइपोग्लाइसीमिया ( रक्त शर्करा का स्तर मानक सिमा से कम हो जाना ) हो सकता है |
शिशु की प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है जिसे संक्रमणों का खतरा रहता है |
अंडरवेट महिलाओं में गर्भस्थ शिशु के अंदर आनुवंशिक प्रोग्रामिंग के चलते उसे भविष्य में मधुमेह या ह्दय से संबंधित रोग हो सकते हैं |
कुछ अध्ययनों के मुताबिक मां का वजन काफी कम होने की वजह से किन्हीं गंभीर मामलों में नवजात शिशु की मृत्यु तक हो सकती है |
जन्म के समय वजन कम होने से शिशु को सेरेबल पाल्सी ( चलने में कठिनाई और मांसपेशियों की कठोरता ) सीखने की क्षमता में दिक्क्त ,देखने और सुनने में दिक्क्त हो सकती है |
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अगर वजन कम है तो इस तरह बढ़ाएं – रोज दूध पीने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है |दूध प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है |
जंकफूड का सेवन बिलकुल न करें ,इनमें बहुत कम या न के बराबर पोषण होता है |
दिन में 5 -6 बार खाएं और हर बार संतुलित आहार ही लें |
नाश्ता जरूर लें | नाश्ते में प्रोटीन युक्त आहार जरूर शामिल करें |
खाना खाने के समय सलाद जरूर खाएं |
सूखे मेवे ,दही आदि भी लें | दालें , पनीर ,अनाज इनका भी सेवन करें |
गर्भधारण से पहले चिकित्स्क की सलाह से जाँच करवाकर वजन कम का वास्तविक कारण जान लेना अच्छा रहेगा |
अंडे और मीट का सेवन बिलकुल भी न करें ये न तो आपकी सेहत के लिए अच्छा है और न ही शिशु की सेहत के लिए तो इस बात का पूरा ख्याल रखें |