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ram navami kayon manayi jati hai
राम नवमी: भगवान राम के जन्म के पावन अवसर का महत्व , जानें क्यों मनाई जाती है राम नवमी
राम नवमी, भारत में बहुत महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान राम के जन्मोत्सव को मनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम का जन्म भूमि पर हुआ था |यह त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो संकल्प से भगवान राम के जन्म दिवस के रूप में महत्व रखता है।
राम नवमी को मनाने के पीछे कारण –
भगवान राम का अवतरण: राम नवमी का मुख्य कारण है भगवान राम के अवतार का समर्पण। राम भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम थे, जो धार्मिक और आदर्श पुरुष थे। उनके जन्मोत्सव को मनाने से लोग उनकी कथा और उनके गुणों को याद करते हैं।
धार्मिक आदर: राम नवमी के दिन, लोग भगवान राम की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कथाओं को सुनते हैं। इस दिन मंदिरों में भगवान राम के प्रकट्य और उनकी लीलाओं की कथाएं होती हैं, जो उनके भक्ति भाव को और भी गहरा करती हैं।
सांस्कृतिक उत्सव: राम नवमी एक सांस्कृतिक उत्सव भी है, जिसमें लोग वेश-भूषा और रंग-रूप में तैयार होते हैं। मंदिर और घरों को सजाया जाता है और भजन-कीर्तन होता है।
सामाजिक एकता: राम नवमी, सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। इस दिन लोग सद्भावना और प्रेम के साथ एक दूसरे को बधाई देते हैं और सांस्कृतिक उत्सव को मिल जुल कर मनाते हैं।
आप सभी को राम नवमी 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं |
भारतीय संस्कृति में भगवान राम को एक मानवता के आदर्श के रूप में पूजा जाता है। रामायण, भारतीय साहित्य का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ, भगवान राम के जीवन की कहानी को विस्तार से वर्णित करता है। राम के अद्वितीय गुण और उनके महान् कार्यों का उल्लेख इसे मानवता के लिए एक आदर्श बनाता है।
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं। इस श्लोक में, भगवान राम की कृपा, उनके दयालु स्वरूप की महत्वपूर्णता को उजागर किया गया है। यह श्लोक आत्मा को भगवान की उपासना में लगाने की प्रेरणा देता है, और भय से मुक्ति के मार्ग को दिखाता है।
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नवकंज लोचन, कंजमुख कर कंजपद कंजारुणं। यह पंक्ति भगवान राम के सुन्दर रूप का वर्णन करती है। उनकी अनोखी दृष्टि, उनका कमल के समान मुख, और उनके कमल के समान पादों का उल्लेख किया गया है, जो उनकी दया और करुणा को दर्शाता है।
माला मिलिन्द मनोहरि गुनजन्मनम, कणक मणि भूषणं। इस पंक्ति में, भगवान राम के गुणों का वर्णन किया गया है। उनके गुणों की माला, उनके मन को मोहित करने वाले गुणों का उल्लेख, और उन्हें रत्नों से सजाया हुआ माना गया है।
अति दीरघ विद्याधर अग नवमंदल, गुनजन्मनम। इस श्लोक में, भगवान राम के दिव्य स्वरूप और उनके गुणों का उल्लेख किया गया है। उनका दिव्य स्वरूप, उनका ज्ञान, और उनके गुणों का वर्णन किया गया है।
इस श्लोक के माध्यम से, हम भगवान राम के अनंत गुणों और दया भाव का आदर्श लेने की प्रेरणा पाते हैं। यह श्लोक हमें उनकी उपासना में लगने और उनके समर्थन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। भगवान राम की भक्ति और उनकी कृपा से हम सभी भवसागर से पार पा सकते हैं।