
Abohar News Today Sidhu Nagri
फाजिल्का जिले की अबोहर तहसील से एक दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है यहां पर 70 वर्षीय एक व्यकित ने अपने ही परिवार वालों के शव अपने घर में दफना रखे थे जिसका खुलाशा आग लगने पर पहुंची फायर बिर्गेड की टीम ने किया। क्यूंकि जब टीम घर के अंदर पहुंची तो बहुत ही खंडर हालत में इस व्यकित का घर था और बिलकुल जंगल बना रखा था यही नहीं इनकी रसोई में एक महिला की खोपड़ी भी मिली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अबोहर की सिद्धू नगरी गली नंबर 4 निवासी 71 वर्षीय रविंदर भाटिया जो की एक जंगल नुमा घर में रह रहा था घर बिलकुल खंडर हो चूका है जिसके अंदर जाने से किसी आम इंसान की भी रूह कांप जाये। मामला शनिवार का है जब रविंदर भाटिया के घर की छत पर रखी 50 वर्ष पुरानी किताबों और अख़बारों में किसी शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गयी जब आग भुजाने दमकल विभाग की गाड़ियां पहुंची तो ये सारा मामला सामने आया। जब आग पर काबू पाने के पश्चात टीम ने घर के अंदर घुस कर देखा तो दमकल कर्मचारी दंग रह गए यहां के हालत बहुत ही डरावने थे दरअसल ये घर एक जंगल और बिलकुल खंडर बन चूका था।
जब इनकी रसोई को देखा तो और भी हैरानीजनक तस्वीर सामने आई रसोई में एक मानव खोपड़ी पड़ी थी रविंदर भाटिया ने बताया की ये उसकी मां की खोपड़ी है। जिसको उसने मरने के बाद घर में ही दफन कर दिया था लेकिन बाद में जब उसके 88 वर्षीय नायब तहसीलदार पिता की साल 2012 में रिटायर्ड होने के बाद मृत्यु हो गयी तो उसने अपनी माता की अस्थियां यहां से निकाल कर अपने पिता को वहीं दफन कर दिया। उसके बाद साल 2015 में उसकी बहन की भी मृत्यु हो गयी थी फिर उसने अपने पिता की आस्तियां निकल कर अपनी बहन को वहीं दफन कर दिया। आपको बता दें कि रविंदर भाटिया ग्रेजुएट है और उसके पिता तहसीलदार थे। 71 वर्षीय रविंदर भाटिया ने बताया कि उसके पिता के रिटायर होने के बाद उनकी पेंशन 13000 रूपये आती थी जिसे उनका गुज़ारा हो जाता था लेकिन अब वह पंजाब सरकार की बुढ़ापा पेंशन 750 रूपये से ही गुज़ारा करता है।
बहरहाल , पुलिस का कहना है जो घर में अस्थियां मिली है उनकी डीएनए जांच की जाएगी। पुलिस ने भाटिया से करीब 3 घंटे तक पूछताछ भी की थी। इसी बीच मोहल्ला वासियों का कहना है उन्हें यहां से बहुत बदबू आती थी जिसकी उन्होंने कई बार शिकायत भी की थी साथ ही उन्होंने कहा कि ये आवारा पशुओं को अपने घर के बाहर इकठे करे रखता है जिसे उनको बहुत परेशानी होती और किसी भी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है लोगो की पुलिस व प्रसाशन से मांग है कि इस व्यकित को कहीं और जगह भेजा जाये।