
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि क़ानूनी रूप से शादीशुदा पत्नी के साथ उसकी मर्ज़ी के खिलाफ यौन संबंध बनाने को जुर्म नहीं माना जा सकता। हाई कोर्ट के जज के एन के चंद्रवंशी ने कहा कि अपनी ही पत्नी जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम न हो उसके साथ पति की तरफ से यौन सबंध या यौन किर्या करना कोई बलात्कार नहीं है।
इसमें शिकायतकर्ता पत्नी ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज़ कराया था कि उसके पति ने उसकी इच्छा के बिना जबरदस्ती से यौन संबध बनाये हैं। इस मामले में उसके पति ने कोर्ट में चुनौती दी थी। वाय सी शर्मा ने बताया कि इजदवाजी बलात्कार के अलावा दूसरे इलज़ामों में यह प्रकरण जारी रहेगा। शर्मा ने बताया कि बेमेतरा जिले में पति-पत्नी के बीच शादी के बाद मनमुटाव चल रहा था.
पत्नी ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी शादी जून 2017 में हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद उसके पति और ससुराल वालों ने दहेज़ के तौर पर पैसों की मांग करते हुए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. उसके पति उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट भी किया करते थे. पत्नी ने यह आरोप भी लगाया कि उसके पति ने कई बार उसके साथ उसकी इच्छा के खिलाफ और गैर-फित्री तौर पर जिंसी रिश्ता कायम किया था.
बता दें कि पहले इस मामले में निचली अदालत ने पति को आरोपी बनाया था , लेकिन पति ने इसकी चुनौती हाई कोर्ट में दी जिसमे हाई कोर्ट ने पति को राहत देते हुए ये फैसला उसके पक्ष में सुनाया।