सौतेली माँ द्वारा बच्चे के साथ बुरा व्यवहार पर क्या कहता है भारतीय कानून जानिए
भारतीय कानून में सौतेली माँ बच्चे के साथ बुरा व्यवहार करती है तो कौन सी धारा और क्या सजा होती है, यह जानकारी अधिकारिक अदालतों द्वारा तय की जाती है। सामान्यतः, ऐसे मामलों में धारा 498-ए के तहत धारावासी पति या उसके परिजन की शिकायत पर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाती है।
इसके अलावा, धारा 304-बी के तहत अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है जो सौतेली माँ के द्वारा बच्चे को किसी प्रकार के शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचाने के लिए आमंत्रित किए गए हैं।
प्रमुख धाराएँ हैं जो सौतेली माँ या उसके द्वारा बच्चे के साथ बुरे व्यवहार करने पर लागू होती हैं –
धारा 498-ए (दहेज प्रताड़न): यदि सौतेली माँ द्वारा बच्चे के साथ बुरा व्यवहार करने के कारण पति या उसके परिवार के खिलाफ दहेज की माँग की जाती है, तो धारा 498-ए के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
धारा 323 (घात का आदान-प्रदान): यदि सौतेली माँ या उसके द्वारा बच्चे के साथ भयानक या शारीरिक चोट पहुंचाई जाती है, तो धारा 323 के तहत उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
धारा 354 (आयातन या उत्पीड़न): यदि सौतेली माँ या उसके द्वारा बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न किया जाता है, तो धारा 354 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
इनमें से प्रत्येक धारा की सजा और दंड की मात्रा आपके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर निर्भर करती है और यह अधिकारिक अदालतों द्वारा निर्धारित की जाती है। आमतौर पर, इन धाराओं के तहत दंड कार्रवाई के लिए जुर्माने, कैद या दोनों हो सकते हैं, विवाद की स्थिति के आधार पर।