तेलंगाना फ़ोन टैपिंग मामला : दो सीनियर पुलिस अधिकारी गिरफ्तार
तेलंगाना फ़ोन टैपिंग मामला : दो सीनियर पुलिस अधिकारी गिरफ्तार
हैदराबाद : बहुचर्चित तेलंगाना फ़ोन टैपिंग मामले में हैदराबाद पुलिस ने दो सीनियर पुलिस अधिकारीयों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार यह गिरफ्तारी कथित फोन टैपिंग और कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने की जांच के हिस्से के रूप में हुई है।
प्राप्त जानकारी अनुसार शनिवार देर रात जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त तिरुपथन्ना और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन भुजंगा राव को हिरासत में ले लिया गया। दोनों अधिकारी पहले क्रमशः विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) और खुफिया विभाग में कार्यरत थे। रविवार को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बता दें कि यह मामला के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व वाले पिछले भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रशासन के दौरान मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी सहित राजनीतिक नेताओं के व्यापक फोन टैपिंग के आरोपों के दर्ज़ है। यह घोटाला तब सामने आया जब प्रणीत राव को 13 मार्च को बिना अनुमति के व्यक्तियों की प्रोफाइल विकसित करने, अवैध रूप से फोन टैप करने और कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद तेलंगाना सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया।
Telangana phone tapping case: Two senior police officers arrested
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प्रणीत राव की गिरफ्तारी एसआईबी के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा दायर शिकायत के बाद हुई। राव और अन्य के खिलाफ पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। आरोपों में आपराधिक विश्वासघात, सबूतों को गायब करना और आपराधिक साजिश शामिल है।
आरोप है कि खुफिया टीम ने व्यवसायियों से पैसे भी वसूले और कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और कागजी दस्तावेजों सहित उनकी गतिविधियों के सभी सबूत नष्ट कर दिए।
रिपोर्ट के अनुसार लगभग एक लाख से ज्यादा लोगों के फ़ोन टैप किये हैं। आरोप लगाया गया है कि इसमें कुछ बीजेपी के नेताओं, कांग्रेस के नेता व बीआरएस के सदस्यों पर भी नजर रखी गई हो सकती है। हाल ही में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, थिरुपथन्ना और भुजंगा राव की गिरफ्तारी, निलंबित डीएसपी डी प्रणीत राव के साथ मिलीभगत के आरोपों से हुई है, जिन्हें पिछले प्रशासन के दौरान खुफिया जानकारी मिटाने और अवैध फोन टैपिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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पूछताछ के दौरान, गिरफ्तार अधिकारियों ने निजी व्यक्तियों की अवैध निगरानी और सबूतों को नष्ट करने सहित विभिन्न अपराधों में शामिल होने की बात कबूल की। पुलिस दवारा मामले की जाँच की जा रही है।
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