Punjab Weather News Today : मौसम 14 फरवरी से फिर बदलेगा,कल फिर एक्टिव हो सकता है वेस्टर्न डिस्टरबेंस
मौसम कल से फिर बदलेगा ,पंजाब में ठंडी हवाओं से 4 डिग्री तक पारा गिरा-कल फिर एक्टिव हो सकता है वेस्टर्न डिस्टरबेंस-Punjab Weather News Today
लुधियाना /शिमला : बर्फबारी से पंजाब में एक बार फिर न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री तक गिरावट आई है। अधिकतम पारा 22 डिग्री रहा। दिनभर धुप निकलने के बाद ठंडी हवाओं के कारण रातें ठंडी हो रही है। किनौर में बर्फबारी के बाद सड़कों से बर्फ हटाने का काम चालू है।Punjab Weather News Today
लोक निर्माण विभाग बंद मागों को बहाल करने शुरू कर दिए हैं शनिवार को पूह उपमंडल के रोपा वैली 15 किलोमीटर सड़क की बहाली के लिए निर्माण विभाग ने बहाल कर दिया है। रोपा वैली में 2 फ़ीट बर्फबारी दर्ज की गई।
14 फरवरी को फिर से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने जा रहा है
बर्फबारी से पंजाब में एक बार फिर न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री तक गिरावट आई है। अधिकतम पारा 22 डिग्री रहा। दिनभर धुप निकलने के बाद ठंडी हवाओं के कारण रातें ठंडी हो रही है। 14 फरवरी को फिर से एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने जा रहा है। इसलिए मौसम में बदलाव आ सकता है। हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी हुई तीन दिन तक बाद में मौसम साफ़ रहा।Punjab Weather News Today
चंडीगढ़ -मनाली नेशनल हाइवे मंडी के समीप दोपहर एक बजे पांच मील में पहाड़ी से चटान व् मलबा गिरने से हाइवे चार घंटे बंद रहा। बर्फबारी और बारिश के कारण अभी भी 177 सड़कें अवरुद्ध होने से लोगों की आवाजाही पर असर पद रहा है। हिमाचल प्रदेश में 228 ट्रांसफार्मर ठप होने से सैंकड़ों परिवार तीन दिन से अँधेरे में हैं।
आगे ऐसा रहेगा मौसम Punjab Weather News Today
14 फरवरी तक मौसम ठंडा (शुष्क )रहेगा। फिर से वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। इससे मौसम में बदलाव दिखेगा। हिमाचल प्रदेश में 16 फरवरी तक मौसम साफ़ रहेगा। 17 फरवरी से मौसम फिर बदलेगा और प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश -बर्फबारी होने के आसार हैं।Punjab Weather News Today
क्या है वेस्टर्न डिस्टरबेंस
एक पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय मौसम की घटना है जो दक्षिण और मध्य एशिया में मौसम को प्रभावित करता है, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान और नेपाल में।
यह एक कम दबाव वाली प्रणाली है जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र से निकलती है और नमी लेकर पूर्व की ओर भारतीय उपमहाद्वीप की ओर बढ़ती है और बारिश, बर्फबारी और कभी-कभी ओलावृष्टि का कारण बनती है। डब्ल्यूडी सर्दियों के महीनों के दौरान, नवंबर से अप्रैल तक सबसे आम हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में भारी वर्षा ला सकते हैं, जिससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और भूस्खलन हो सकता है।
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