जस्टिस हेमा की रिपोर्ट का खुलासा: मलयालम सिनेमा में महिलाओं के लिए ‘नर्क’ है ये इंडस्ट्री
जस्टिस हेमा की रिपोर्ट का खुलासा: मलयालम सिनेमा में महिलाओं के लिए ‘नर्क’ है ये इंडस्ट्री
तिरुवनंतपुरम : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों का पर्दाफाश हुआ है। जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने इस इंडस्ट्री में महिलाओं को होने वाली समस्याओं पर रौशनी डाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं को यहां यौन उत्पीड़न, असुरक्षित माहौल, बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसे शौचालय और चेंजिंग रूम, और पुरुष प्रधानता के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
कमेटी की जांच में ये भी सामने आया कि कुछ महिलाओं ने अपनी तकलीफें अपने परिवार के सदस्यों से भी छुपाई हैं। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि अगर कोई महिला इन मुद्दों पर आवाज उठाती है तो उसे फिल्म इंडस्ट्री में काम से बाहर कर दिया जाता है।
Hema Panel Report Uncovering Sexual Abuse in Malayalam Film Industry
रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्री में एक ऐसा लॉबी काम करता है जो कलाकारों, निर्माताओं और निर्देशकों को बैन तक करवा सकता है। यह लॉबी ‘कास्टिंग काउच’ जैसी समस्याओं को भी बढ़ावा देती है, जहां महिलाओं से काम के बदले सेक्स की मांग की जाती है। महिलाओं को नशे में धुत पुरुषों के होटल के दरवाजे पर बार-बार दस्तक देने जैसी घटनाओं का भी सामना करना पड़ता है, जिससे वे खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।
जस्टिस हेमा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने 2017 में ये जांच शुरू की थी और 2019 में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी थी। लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में काफी देरी हुई, और इसके लिए कई कानूनी लड़ाइयां भी लड़ी गईं। अब आखिरकार, अदालत के आदेश के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय की सच्चाई उजागर की गई है।
महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए इंडस्ट्री में एक कानूनी और स्वतंत्र संस्था की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है।
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