Capsule Pills Making Process : कैसे बनते हैं कैप्सूल ? इसे जानकर आप कभी नहीं लेंगे ऐसे कैप्सूल।

Gelatin Capsule Pills
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जब हम बीमार पड़ते हैं तो हमे तरह तरह की दवाएं लेनी पड़ती है। हम अपनी सेहत को सही रखने के लिए हर तरह की दवाइयां लेते हैं जिसकी डॉक्टर हमे सलाह देते हैं। हमने कभी नहीं सोचा कि ये दवाएं कैसे बनती होगी और इनके अंदर क्या क्या हो सकता है , बस दवाएं लेते है और स्वस्थ हो जाते हैं। इनमे से कुछ मेडिसिन टेबलेट व कुछ इंजेक्शन या फिर हमे पीने वाली दवाईंयां भी दी जाती है। इनमे कैप्सूल भी हमे बहुत बार लेना पड़ता है जो कि हर कोई आसानी से ले सकता है क्यूंकि वो और टेबलेट की तरह कड़वा नहीं होता उसे बच्चे भी आसानी से ले लेते हैं। ये एक कवर होता है और उसके अंदर दवाईआं भरी होती है , आज हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे कि ये कैसे बनता है और इसका ऊपरी कवर किसका बना होता है।


medicine making process
Medicine Pills

Friends , जो कैप्सूल हम लेते हैं उसके ऊपरी कवर को जेलेटिन से बनाया जाता है जिसका अपना कोई भी स्वाद नहीं होता , ये जिलेटिन हमे पेड़ पौधों से भी मिलता है लेकिन ये काफी महंगा होता है अगर ये कैप्सूल बनाने में प्रयोग किया जाए तो कैप्सूल की कीमत काफी बढ़ जाएगी , कैप्सूल समान्य कीमत से दो – तीन गुना महंगे हो जायेंगे , तो फिर ये कैप्सूल किस जिलेटिन से बनाये जाते हैं , Friends  जिलेटिन सबसे ज्यादा जानवरों से प्राप्त किया जाता है। ये जानवरों से कैसे प्राप्त किया जाता है सबसे बड़ी ये बात है जिलेटिन जानवरों के मांस व हडियों से प्राप्त किया जाता है इसमें जानवरों का खून भी प्रयोग किया जाता है सबसे ज्यादा सुर व सांड का मांस जिलेटिन के कैप्सूल बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

Capsule Pills
Capsule Pills Gelatin

जानवरों का मांस व हड़ियाँ दवा बनाने वाली कंपनियों को बहुत सस्ते में मिल जाती हैं क्यूंकि जहाँ से जानवरों का मांस (Animal Meat)तैयार होता है वहां उन्हें जो हिस्सा नहीं चाहिए होता है वो वैसे भी उनके काम का नहीं होता उसे ये इन दवा कंपनियों को दे देती हैं , दवा कंपनियां (Pharmaceutical Companies)ये सब अपनी फ़ैक्टरी(Factory) में ही तैयार करती हैं सबसे पहले मांस व हडियों को केमिकल से साफ किया जाता है फिर इनके मशीनों से छोटे छोटे पीस किये जाते हैं उन्हें बहुत ज्यादा तापमान पर गर्म किया जाता है फिर उनमे से प्रोटीन(Protein) वाले टीसू निकले जाते हैं

Side view of the capsule in production line.
Side view of the capsule in production line.

इन्हे मशीन से लेयर बनाये के लिए तैयार किया जाता है पतली लेयर बनने के बाद इन्हे कैप्सूल के सांचे(Mold of Capsule) इसमें डाले जाते हैं फिर ये कवर तैयार हो जाता है , उसके बाद इसमें पाउडर भरने का काम शुरू होता है उसके बाद अलग अलग हिसों में गुज़रने के बाद ये कैप्सूल(Capsule Pills) बनके तैयार हो जाता है इसमें अलग अलग रंग के लिए करने के लिए रंगो के घोल तैयार किये जाते हैं उनमे फिर इन तैयार कैप्सूल कवर को डुबोया जाता है फिर इनपर रंगो की पेंटिंग(Colorful Painting ) हो जाता है बाद में इन्हे बेचने के लिए पैक किया जाता है। उसके बाद ये मार्किट में उतारे जाते हैं।

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Capsule Pills Production

तो Friends आपने कैप्सूल बनाने के बारे में जान लिया आपको बता दें कि साल 2018 में केंद्र सरकार के समक्ष ये मुद्दा उठा था कि मांसाहार कैप्सूल भारत में बंद होने चाइये क्यूंकि इसे बहुत सारे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं वहीं शाकाहारी लोग (Vegetarian People)इसका सेवन भी नहीं करना चाहते , केंद्र सरकार ने भी एक कमेटी बैठायी थी कि भारत में ये कैप्सूल पेड़ पौधों से बनाये जाने पर विचार किया जाये , हालाँकि ये पूरी तरह तो संभव नहीं है क्यूंकि पेड़ पौधों से बना जिलेटिन (Soft Gelatin)काफी महंगा होता है ओर मिलता भी बहुत कम है उसको बनाने की विधि देश में बहुत कम है ऐसे में अभी तक तो ज्यादातर कैप्सूल में तो मांसाहार वाला ही जिलेटिन (Hard Gelatin)प्रयोग होता है।


जिन कैप्सूल में जानवरों वाले जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है उस पर हार्ड जिलेटिन (Hard Gelatin)लिखा होता है वहीं जिस कैप्सूलों में पेड़ पौधों से तैयार जिलेटिन होता है उनमे सॉफ्ट जिलेटिन(Soft Gelatin) लिखा होता है। ये जिलेटिन काफी नरम(Soft) होता है जिससे हाथों से भी दबाया जा सकता है।

Hard and Soft Gelatin Capsule Pills
Hard and Soft Gelatin Capsule Pills

आपको बता दें कि कैप्सूल तैयार करने का ये तरीका सिर्फ उन कैप्सूल का ही है जो मार्किट में सालों से चल रहे हैं , जब भी कोई नई दवा बनानी होती है तो उस पर बहुत सारे रिसर्च किये जाते हैं ओर उसको बनाने में कई बार काफी महीने व साल लग जाते हैं फिर उनका परीक्षण किया जाता है जब वो पूरी तरह तैयार हो उसके बाद सरकार द्वारा जारी सारी गाइडलाइन्स पूरी करके आम जनता के लिए मार्किट में उतारा जाता है।

Friends, आपको कैसी लगी ये जानकारी ? हमे जरूर बताना व ऐसी अन्य जानकारियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। Thank You !


 


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